19वी शताब्दी के बाद की फिजिक्स को मॉडर्न फिजिक्स कहते है, क्वांटम फिजिक्स क्या है आज आपको यह अवश्य समझ लेना चाहिए। मॉडर्न फिजिक्स की इस ब्रांच में हम अणु, थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी, और क्वांटम फिजिक्स के बारे में पढ़ते है। क्लासिकल मेकेनिक्स ने सफलतापूर्वक फिजिक्स के कई सिद्धान्तों पर आधारित तथ्यों को समझाया है।
जैसे – ग्रहों, सेटेलाइट, और उपग्रहों, का मोशन किस प्रकार होगा? अगर कोई बॉडी गुरुत्वाकर्षण
सिद्धांत में गति करती है तो उस पर क्या प्रभाव होगा? बॉडी अगर घुमण गतिविधियों कर रही है तो
उस पर क्या प्रभाव होगा, ध्वनि तरंगों का प्रतिस्थापन किस प्रकार होगा, स्प्रिंग में वाइब्रेशन मोशन किस प्रकार से होगा, इन सभी प्रकार के
गतिज को क्लासिकल फिजिक्स ने बहुत ही अच्छे से समझाया है।
1. कैलकुलेटर क्या होता है? कैलकुलेटर कैसे काम करता है?
इसी के साथ प्रकाश की किरणों पर ऐसे भी कुछ सिद्धांत तथा नियम है जिन्हें क्लासिकल फिजिक्स
ने बखूबी समझाया है जैसे, प्रकाश का परावर्तन(लॉ ऑफ रिफलेक्शन), प्रकाश का अपवर्तन (लॉ ऑफ रिफ्रैक्शन), प्रकाश का विवर्तन
(लॉ ऑफ डिफरक्शन), धीरे – धीरे फिजिक्स के इस क्षेत्र में सिद्धान्तों के आधार पर खोज बढ़ने लगी
और फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने सब कुछ बदल कर रख दिया।
क्लासिकल फिजिक्स के जितने भी प्रकाश पर आधारित नियम व सिद्धान्त थे, उन्हें प्रकाश के
तरंगीय स्वभाव(वेव नेचर) से सिद्ध हो रहे थे, पर डी- ब्रोगली ने अपने द्वारा दिये गए सिद्धान्त से फिजिक्स की दुनिया को और अंदर तक
खोलने का रास्ता से दे दिया, डी- ब्रोगली ने कहा कि प्रकाश का स्वभाव तरंग ही नही होता है बल्कि
प्रकाश का द्वि – स्वभाव (ड्यूल नेचर) होता है, प्रकाश कही – कही पर तरंग, और कही कही पर
पार्टिकल (अणु स्वभाव को दर्शाता है।
क्वांटम क्या है?
क्वांटम और फोटोन्स यह दोनों ही पार्टिकल्स होते है जिनमे एनर्जी (ऊर्जा) भरी हुई होती है। इनका साइज 10^-9°A होता है। जिन्हें हम अपनी आँखों से नही देख सकते है। लेकिन अगर हम इसे दैनिक जीवन मे देखना चाहते है तो,
आप वहां पर जाए जहाँ अंधेरा हो और एक छोटे से छेद से रोशनी आ रही हो, या कभी कभी घर की लाइट चले जाने पर आपने देखा होगा टॉर्च की लाइट जलाने पर रोशनी में से कुछ कर्ण चलते हुए दिखाई देते है। असल मे वही फोटोन्स/क्वांटम कहलाते है।
क्वांटम फिजिक्स क्या है?
क्वांटम फिजिक्स, फिजिक्स की वह ब्रांच है जिसमे हम प्रकाश के स्वभाव को क्वांटम/पार्टिकल/ शुष्क अणु को आधार मान कर फिजिक्स के कई प्रभाव
को समझते है। डी – ब्रोगली के अनुसार “प्रकाश का द्वि स्वभाव होता है”
काश की किरणें किसी समतल सतह से टकराने के बाद प्रकाश का दूसरी दिशा में चले जाना प्रकाश
का परावर्तन होता है, मतलब हम प्रकाश की किरणों को चाहे वह सूर्य से आ रही हो या किसी
ऊर्जा के स्रोतों से, उन किरणों को माना गया की वह एक तरंग की भांति व्यवहार कर प्रकाशीय ऊर्जा को
एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करती थी।
किसी वस्तु की परछाई बनना, किसी वस्तु पर से प्रकाश का टकराकर प्रकाश की दिशा बदल जाना,
यह सभी से हमने प्रकाश के तरंगीय स्वभाव को समझा।
क्वांटम फिजिक्स के आधार पर किन-किन प्रभाव को समझाया गया?
प्रकाश के कर्ण में क्वांटा/फोटोन्स रहते है जिनमे ऊर्जा भरी रहती है और इन क्वांटा और फोटोन्स का काम है प्रकाश के माध्यम से ऊर्जा का एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करना।
क्वांटम थ्योरी को ध्यान में रख कर जो प्रकाश के वह नियम, प्रभाव जो क्लासिकल फिजिक्स से नही सिद्ध हो रहे थे उन्हें क्वांटम फिजिक्स के आधार पर सिद्ध किया गया। वह प्रभाव इस प्रकार है जैसे,
1. प्रकाश विधुत प्रभाव(फोटोएलेक्ट्रिकल प्रभाव)
2. कृष्णिका विकिरण(ब्लैक बॉडी रेडिएशन) आदि।
प्रकाश विधुत प्रभाव क्या है:-
हम जानते है की कोई भी पदार्थ 3 पार्टिकल से मिल कर बना होता है- प्रोटोन, न्यूट्रॉन, इलेक्ट्रॉन्स किसी भी पदार्थ की सरंचना इस प्रकार से होती है:- प्रोटॉन और न्यूट्रॉन नाभिय होता है और इलेक्ट्रान जो ऋणात्मक आवेश का होने के कारण नाभिय के आस-पास घूमता है।
हमे यह भी पता है कि – हर एलिमेंट अपना अपना स्थायित्व को बनाये रखने के लिए अष्टक नियम को
फॉलो करता है। प्रकाश विद्युत प्रभाव में होता यह है कि – जब ऊर्जा के स्रोत से प्रकाश किसी मैटेलिक
सतह (किसी धातुई वस्तु की सतह पर) गिरती है, तो वह उस धातु के इलेक्ट्रान एनर्जी प्राप्त कर उतेजित
अवस्था मे आ जाते है और मेटल की सतह को छोड़ देते है इसी को प्रकाश का विद्युत प्रभाव कहते है।
कृष्णिका विकरण क्या होता है?
कृष्णिका विकरण (ब्लैक बॉडी रेडिएशन) एक ऐसी बॉडी होती है जो प्रकाशीय तरंगों को पूरी तरह से
अपने मे समाहित भी कर सकती है और उन रेडिएशन को बिल्कुल भी उत्सर्जित नही करती है।
इस प्रकार की बॉडी को ब्लैक बॉडी या कृष्णिका कहते है।
आपने देखा होगा कि जब भी हम धूप में काले रंग के कपड़े पहन कर निकलते है तो थोड़े समय
के बाद हमें काफी गर्मी लगने लगती है, क्योकि ब्लैक रंग की वस्तु एनर्जी जो अपने अंदर ज्यादा देर
तक ऑब्सॉर्ब करके रखती है।
अब यहां यह भी जरूरी नहीं कि जिस बॉडी का कलर ब्लैक हो वह ब्लैक बॉडी ही हो। वैसे ऐसी
आइडियल बॉडी असल मे नही है पर हम सूर्य, और काजल, को एक परफेक्ट ब्लैक बॉडी और
कृष्णिका मानते है। इसी को कृष्णिका विकिरण (ब्लैक बॉडी रेडिएशन) का कहते है।
निष्कर्ष
दोस्तो मुझे अब उम्मीद है कि क्वांटम फिजिक्स क्या है तथा इसके कौन कौन से सिद्धांत होते है यह आपको समझ में आ गया होगा, अगर आपको यह पोस्ट से कुछ नया सीखने को मिला तो इसे अपने दोस्तो को भी जरूर भेजे।
यह टॉपिक काफी कठिन है लेकिन हमने बहुत सरल तरीके से आपको समझाने कि कोशिश कि है उम्मीद है आपको समझ आ गया होगा। बाकी अंत तक पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।