कैलकुलेटर क्या होता है? कैलकुलेटर कैसे काम करता है?

कैलकुलेटर क्या होता है तथा कैलकुलेटर कितने प्रकार के होते हैं हालांकि आप में से कुछ लोग
बोलेंगे यह तो बड़ा आसान है क्यूंकि कैलकुलेटर तो किसी भी डिजिट को जोड़ने तथा घटाने में काम
आता है तो इसमें नया क्या है?

लेकिन क्या आप यह जानते है यह कैसे काम करता है क्या आप किसी भी बड़ी डिजिट को जोड़ना या
मल्टीपल आसानी से कर सकते है, हमारा इंसानी दिमाग ज्यादा से ज्यादा एक बार में सिर्फ 9 से 10
डिजिट ही याद रख सकता है।

हालंकि बहुत से ऐसे लोग भी है जिन्होंने इस चीज को गलत भी ठहराया है लेकिन जब लोग वैसे नहीं
होते लेकिन आपका यह सारा काम सिर्फ एक बटन दबाते ही कैसे हो जाती है तथा इतने से छोटे से
बॉक्स में हम लाखो कि कैलकुलेशन कैसे कर पाते है ? चलिए आज इसी इंटरेस्टिंग सवाल का जवाब
आपको बताते है।

1. पीडीएफ क्या होता है और पीडीएफ का इतिहास क्या है?

2. इन गलतियों से मदरबोर्ड खराब हो सकता है। 3 कॉमन गलतियां

कैलकुलेटर क्या होता है?

किसी भी लॉजिकल या जटिल सवालों को सैकडों में हल करने वाले यंत्र को हम कैलकुलेटर कहते है। ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ जोड़ने घटाने के काम आता है आज जो भी मॉडर्न कैलकुलेटर आते है वह बड़े से बड़े सवाल बस बटन दबाते ही हल कर देते है।

हमारे द्वारा दिए गए सवालों या मानकों को कैलकुलेटर हल करके हमे देता है जिसे कैलकुलेशन कहते है यह कैलकुलेशन इतने जल्दी होती है कि हमे कुछ पता ही नहीं चलता बस बटन दबाने कि देरी है और रिज़ल्ट तैयार।

वास्तव में कैलकुलेटर जैसा आज दिखता है वैसा पहले नहीं हुआ करता था, कैलकुलेटर लैटिन भाषा
में कैलकुलेर शब्द से लिया गया है जिसका मतलब होता है कि पत्थरों को मदद से किसी चीज़ कि गिनती करना।

मॉडर्न कैलकुलेटर बहुत हद तक कंप्यूटर जैसे ही होते है इनके काम करने का तरीका भी लगभग बराबर है बस एक छोटा फर्क ये है कि कैलकुलेटर पूरी तरह से इंसानों के दिए निर्देशों का पालन करके मैथ्स के सवाल हल करता है तथा,

कंप्यूटर पूरी तरह से पहले से ही प्रोग्राम रहता है तथा यह खुद ऑपरेट होने के लिए सहायक होता है तथा इससे बहुत बड़ी से बड़ी कैलकुलेशन तथा विशाल टास्क बड़ी आसानी से किया जा सकता है, इसके ही साथ कैलकुलेटर को हम खुद प्रोग्राम नहीं कर सकते लेकिन कंप्यूटर को अपने काम के अनुसार बना सकते है।

कैलकुलेटर का इतिहास क्या है?

1. अबाकस

सबसे पहले किसी भी डिजिट को कैलकुलेट करने का चलन 2000 बीसी में सुमेरियनस और इजिप्टियन ने अबाकस के रूप में किया था यह अबाकस पूरी तरह से हाथो से उपयोग होना वाला एक हैंड ऑपरेट मैकेनिकल कैलकुलेटर था जिसमे लोहे कि छड़ पर मोती लगे होते थे।

इसका प्रिंसिपल बेहद सिम्पल थे एक लकड़ी के बॉक्स में कुछ लोहे कि छड़ लगी होती थी जिसके
हर छड़ में 10 मोती होते थे, इसकी वजह से एडिशन तथा सब्स्ट्रेक्शन करना बेहद आसान हो
गया हालंकि इसमें छोटी मोटी गलती भी हो जाती थी।

2. अरिथमोमीटर

सबसे पहली काउंटिंग मशीन सन 1851 से 1915 के दौरान बनाई है थे और इसे बनाने में यूरोप की
20 कंपनियों ने साथ दिया था।

यह एक पूरा लकड़ी का बॉक्स था जिसमे यह कैलकुलेटर रखा गया था इसके काफी सारे बटन
हुआ करते थे जिसकी मदद से इसे चलाया जाता था हालंकि यह वजन में काफी भारी था इसलिए इसे
एक ही जगह पर रखा जाता था।

3. आईबीएम 608

यह पहला ऐसा कैलकुलेटर था जिसमें वैक्यूम ट्यूब कि जगह पर सॉलिड स्टेट ट्रासिस्टर को इस्तेमाल
किया गया। यह मशीन एक कमरे जितनी बड़ी तथा बहुत हैवी थी, यह कैलकुलेटर इतना महंगा था कि बहुत काम लोग ही इसे खरीद सकते थे हालंकि इसमें किराए पर ले जाने कि सुविधा भी थी।

इस कैलकुलेटर में 9 डिजिट तक संख्या लिख सकते थे तथा हर सैकंड 4500 एडिस्शन भी किया जा सकता था।

4. कॉल टेक

इसे सन 1970 में टेक्सस इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा बनाया गया था कॉल टेक नाम इसका एक कॉडनामे है जो इसे बनाने वक्त रखा गया था, यह कैलकुलेटर पहला ऐसा कैलकुलेटर था जिसे बटन दबा कर तथा बहुत ही आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता था।

इसमें कुल 18 बटन तथा एक वर्चुअल आउटपुट डिस्प्ले हुआ करता था जिसमे एक बार में 12 डिजिट दिख जाती थी।

5. बसिकॉम ले 120 ए हैंडी

यह सबसे पहला कैलकुलेटर था जिसमे चिप तथा इंटेग्रेटेड सर्किट इस्तेमाल किया गया, इस कैलकुलेटर में भी डिस्प्ले पर 12
डिजिट दिखती थी इसमें एलईडी डिस्प्ले था जिसपर रेड डिजिट दिखते थे।

यह कैलकुलेटर इतना महंगा था कि इसको बचाने के लिए यह एक अलग से बॉक्स में आता था ताकि
यह खराब न हो जाए, सन 1971 में इसे सबसे पहले मार्केट में लाया गया था।

इसके कई सालो तक अलग अलग तरह के कैलकुलेटर आते रहे जिनमे काफी बदलाव भी
देखने को मिला लेकिन साल 2010 में जो कैलकुलेटर आया उसने सब बदल दिया।

6. केसिय प्रिज्म

इस कैलकुलेटर को 2010 में केसियो कंपनी द्वारा निर्मित किया गया जिसमे 216×384 रिजॉल्यूशन की कलरफुल डिस्प्ले लगी होती है, 2010 से पहले काफी लोगो को दिक्कत होती थी लेकिन यह आने के बाद इसे पॉकेट में ले जाना आसान हो गया तथा यह इतना महंगा नहीं था कि इसे खरीद न पाए।

इस कैलकुलेटर में आप ग्राफिक्स की मदद से किसी भी कैलकुलेशन को बड़ी आसानी से कर सकते हो, इसलिए यह आज कंपनी कैलकुलेटर की दुनिया में सबसे अच्छी मानी जाती है।

कैलकुलेटर कैसे काम करता है?

कैलकुलेटर इतना छोटा होता है लेकिन फिर भी सैकंड के भी कम समय में इतनी बड़ी कैलकुलेशन
कैसे कर लेता है? अगर आपने कभी कैलकुलेटर खोलकर देखा होगा तो उसमे आपको ज्यादा कुछ खास देखने को नहीं मिलता जिससे हमे
अंदाज़ा लगाना और मुश्किल हो जाता है कि आखिर कैलकुलेटर कैसे काम करता है?

मुझे नहीं लगता अब आपको यह सवाल कभी परेशान करेगा क्यूंकि अभी मैं आपको बहुत सरल
शब्दों में बताऊंगा की कैलकुलेटर कैसे काम करता है तो चलिए जानते है,

जब भी हम कैलकुलेशन के लिए कोई बटन दबाते है तो वह बटन सेंसर से कनेक्ट रहते है और यह इलेक्ट्रिकल करंट कैलकुलेटर के इंटेग्रेटेड सर्किट्री
को देते है, और इस सर्किट्री में ट्रांसिस्टर रहते है जो लॉजिकल फ्रेमवर्क बनाते है किसी भी कैलकुलेशन को हल करने के लिए।

कैलकुलेटर में जितने ज्यादा ट्रांसिस्टर होंगे उतने ही कठिन से कठिन कैलकुलेशन को हल करने में मदद
मिलेगी। जब कैलकुलेटर किसी दो डिजिट को जोड़ता है तो सबसे पहले वह उन डिजिट को बाइनरी में कन्वर्ट कर लेता है। जैसे,

अगर उसमे 4 लिखते है तो 1-0-0 में आएगा अगर 2 लिखा तो 1-0 में आएगा तथा उसमे 0 और
1 के कॉलम होते है जिसे ही हम बटन दबाते है वह कॉलम भरने लगते थे तथा एक कॉलम भरने
के बाद दूसरे मे भी पहुच जाता है क्यूंकि यहां कोई भी कैलकुलेटर सिर्फ 1 और 0 को समझता है
2 के बाद किसी भी संख्या को नहीं समझते।

एक बार कैलकुलेशन होने के बाद उसे बाइनरी से नंबर, लाइन और पिक्सेल में बदला जाता है और इसके बाद उत्तर क्या आया हमें दिखाई देता है।

निष्कर्ष

दोस्तों मुझे उम्मीद है कैलकुलेटर क्या होता है और कैलकुलेटर कैसे काम करता है अब आपको अच्छे से समझ आ गया होगा, बहुत बार ऐसा होता है कि हम कोई चीजें रोज इस्तेमाल करते है लेकिन उसके बाद में हम ठीक तरह से नहीं जानते इसलिए इस आर्टिकल ने आपकी बहुत मदद कि होगी।

मुझे पूरी उम्मीद है इससे आपको आज जरूर बहुत कुछ सीखने को मिला होगा, क्या आपको पता था
कि कैलकुलेटर कैसे काम करता है अगर पता था तो कॉमेंट में हमें जरूर बताए,अगर इस आर्टिकल में आपको कुछ भी अच्छा लगा हो तो आप इस
पोस्ट को अपने दोस्तों को भी भेज सकते है।