आज ATM तो लगभग सभी लोग इस्तेमाल करते है लेकिन बहुत से लोगों को ATM Full Form In
Hindi | एटीएम का फुल फॉर्म क्या है यह नहीं पता तथा ATM काम कैसे करता है इसकी
जानकारी नहीं है इसलिए आपको यह पोस्ट पूरी पढ़नी चाहिए।
दोस्तों ATM को बहुत से देशों में अलग नाम से जाना जाता है जैसे कनाडा में ATM को ABM(Automated banking
machine) कहा जाता है, ATM नाम यूनाइटेड स्टेट्स में इस्तेमाल किया जाता है और भारत में भी
यह नाम वहीं से आया है।
ATM के आने से लगभग सभी लोगो को सुविधा हुई है क्योंकि ATM को 80% से भी ज्यादा लोग
आज इस्तेमाल करते है, आज ATM से कैश निकलना तथा कैश डिपॉजिट करना भी संभव हो पाया है।
ATM Card इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं जिसमें कहीं से भी कैश निकाल पाना सामिल हैं
इसी के साथ ATM के प्रकार भी होते है जो आपको पता होना बहुत ज़रूरी है, चलिए शुरू करते है आज
की पोस्ट ATM Full Form In Hindi | एटीएम का फुल फॉर्म क्या है?
ATM Full Form In Hindi | एटीएम का फुल फॉर्म क्या है?
ATM का फुल फॉर्म “Automated Teller Machine” होता है। आइए अब एटीएम का फुल फॉर्म हिंदी में जानते है “स्वचालित टेलर मशीन” इसका हिंदी में नाम होता है।
यह एक इलेट्रॉनिक मशीन है जो फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन जैसे कैश निकलना, कैश डिपॉजिट, फंड ट्रांसफर, अकाउंट बैलेंस इंक्वायरी आदि के
काम आती है।
हालांकि कई देशों में एटीएम को अलग नाम से भी जाना जाता है जैसे कनाडा में ATM को ABM(Automated banking
machine) कहा जाता है लेकिन कई लोग ATM बोलना ही पसंद करते है।
कई जगह इसे कैश प्वाइंट, कैश मशीन, कैशलाइन आदि नामों से भी जाना जाता है, 2015 की एक
स्टडी के मुताबिक पूरी दुनिया में लगभग 35 लाख से भी ज्यादा ATM लगाए गए थे।
लेकिन आजकल ऑनलाइन पेमेंट आने के कारण धीरे धीरे ATM का इस्तेमाल कम हो रहा है,
हालांकि कई गावों में अभी ATM तक की सुविधा नहीं पहुंच पाईं हैं।
उम्मीद है अब ATM Full Form In Hindi यह आपको समझ आ गया होगा।
ATM का अविष्कार कब हुआ था: ATM ka avishkar kab hua tha
सन 1960 के दौरान सौधकर्ता यह विचार करने में लगे थे की किस तरह ऐसी मशीन बनाई जाए जिससे पैसे निकालने में आसानी हो और सुरक्षित भी हो, इसके बाद एटीएम का निर्माण कुछ इस तरह से हुआ।
सन 1960 के समय बिना बैंक में गए पैसे कैसे निकल सकते है इस पर चर्चा हो रही थीं, एटीएम का अविष्कार किसी एक व्यक्ति ने नहीं बल्कि एक ग्रुप ने किया था।
हालांकि कोई कहता है की एटीएम का अविष्कार एक ग्रुप ने नहीं वल्कि शैफर्ड बैरन ने किया था तो कोई कहता है लूथर जॉर्ज ने किया था, ATM का अविष्कार किसने किया था इसके बारे में बात करते हैं।
ATM का अविष्कार
1. सन 1960 में अमेरिकी साइंटिस्ट लूथर जॉर्ज सिमजियान ने Bankograph (बैंकोग्राफ) का अविष्कार किया था, इस मशीन से कोई भी यूजर इसमें अपना पैसा जमा करवा सकता था।
2. दुनिया का सबसे पहला ATM सन 1967 में लंदन के “Branch of Barclays Bank” में लगाया गया था, ब्रिटिश साइंटिस्ट
शेफर्ड बैरन ने यह इन्वेंशन किया था।
3. US में सबसे पहला ATM लगाने का बीड़ा डोनाल्ड वेटजेल नाम के dallas–based इंजीनियर ने उठाया। इस ATM को सन
1969 में न्यू यॉर्क की बैंक “Chemical Bank branch” में लगाया गया।
इसमें एक slogan भी लिखा गया “On September 2 our banks will open at 9am and never close again. इसका अर्थ हैं “9 सितंबर को हमारा बैंक खोला जाएगा और फिर कभी बंद नहीं होगा”।
4. इसके बाद सन 1970 में ब्रिटिश साइंटिस्ट “जेम्स गुडफेलो ने इस एटीएम को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए PIN (Personal Information Number) डालने का सोचा, इससे कोई भी यूजर खुद अपना PIN डालकर अपना पैसा खुद निकाल सकता है।
5. इसके बाद सन 1977 में बैंक की तरफ से भी ATM लगाने की डिमांड बढ़ने लगी और यह यूजर के लिए भी काफी अच्छा साबित हुआ क्योंकि अब उनको बैंक में गए बिना ही उनका पैसा मिल जाता था।
6. फिर सन 1977 में ही “National Cash Register” जो US की कंपनी हैं उसने NCR
Model 770 लॉन्च का सोचा जिससे ATM से पैसा निकालना और ज्यादा आसान और सुरक्षित हो
सके जिससे ATM 24 काम कर पाएं।
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7. सन 1984 तक 100,000 से भी ज्यादा ATM पूरी दुनिया में लगाए गए।
8. समय के साथ इसमें कई तरह के बदलाव किए गए ताकि फ्रॉड से बचा जा सके, बैंको ने कई तरह के सॉफ्टवेयर बनाए जो anomalies transaction डाटा डिटेक्ट करने में सहायक थे।
9. 21st सेंचुरी में डिजिटल पेमेंट आने के कारण कई हद तक ATM का इस्तेमाल कम जरूर हुआ है
हालांकि आज भी पैसे निकालने का यह सबसे अच्छा और सुरक्षित तरीका हैं।
ATM मशीन का उपयोग?
एटीएम मशीन जिसका नाम “Automated Teller Machine” हैं यह एक specialized computer होता है जो बैंक होल्डर्स को बैंक से पैसा निकालना, डिपॉजिट करना, पैसे ट्रांसफर करना, और बैंक बैलेंस चैक करना आदि काम किए जाते हैं।
एटीएम मशीन में कागज की स्लिप (राशिद) होती है जो यह बताती है की आपने कितने पैसे कब और कितना बैलेंस बचा है इसकी जानकारी देती है। ATM Full Form In Hindi के बाद अब समझते है एटीएम के प्रकार।
ATM के प्रकार: Type of ATM in Hindi
इसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी हैं इसलिए हमने सोचा आपको यह भी जरूर बताना चाहिए।
1. Onsite ATM (ऑन-साइट एटीएम)
यह एटीएम को बैंक परिसर के अंदर लगाया जाता है जहां से हम पैसा निकाल सकते हैं, ज्यादातर यह एटीएम बैंक के ब्रांच के पास ही लगाया जाता है जिसे Onsite एटीएम कहा जाता हैं।
2. Offsite ATM (ऑफ-साइट एटीएम)
इस एटीएम मशीन को बैंक परिसर के बाहर जैसे शॉपिंग मॉल, किसी मार्केट में, या हाइवे पर लगाया जाता है जिसे ऑफसाइट एटीएम कहते है।
3. White Label ATM (व्हाइट लेबल एटीएम)
यह ऐसे एटीएम होते है जिनका स्वामित्व और संचालन गैर वित्तीय कंपनी द्वारा किया जाता हैं।
4. Yellow Label ATM (येलो लेबल एटीएम)
इन एटीएम को खासकर e-commerce से जुड़े लेन देन के लिए होते हैं।
5. Brown Label ATM (ब्राउन लेबल एटीएम)
इस तरह के एटीएम मशीन का स्वामित्व किसी खास बैंक के पास नहीं होता बल्कि इसे लीज पर लिया जाता हैं।6.
6. Orange Label ATM (ओरेंज लेबल एटीएम)
इस तरह के एटीएम का इस्तेमाल मुख्य रूप से शेयर लेन देन के लिए होता है।
7. Pink Label ATM (पिंक लेबल एटीएम)
ये वो एटीएम होते हैं जिसे खासकर महिला बैंकिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं।
8. Green Label ATM (ग्रीन लेबल एटीएम)
इन एटीएम का इस्तेमाल कृषि से संबंधित कार्य के लिए किया जाता हैं।
अगर आप ध्यान से समझेंगे तो पाएंगे की हर वर्ग के लिए एटीएम मौजूद हैं अगर आपको इसके बारे में जानकर अच्छा लगा तो पोस्ट को जरूर शेयर करें।
ATM के Parts कौन कौन से होते हैं?
आज के समय में एटीएम को इस्तेमाल करना बेहद आसान इसके पार्ट्स की मदद से संभव हो पाया हैं, हालंकि पहले यह इतना आसान नहीं था लेकिन समय के साथ इसे बदलने से इस्तेमाल करना आसान हो पाया हैं।
कोई भी एटीएम 2 तरीके से काम करता हैं पहला उसके इनपुट डिवाइस तथा दूसरा उसके आउटपुट डिवाइस।
इन्हीं दो तरीकों से एटीएम हमारे लिए आसान हुआ तथा 24 घंटे काम करता हैं।
1. Input Device
#Keypad
Keypad आपको PIN डालने और आपको कितना पैसा निकालना हैं यह करने की अनुमति तथा transaction को किसी भी समय cancel, clear करने की अनुमति देता है।
#Card Reade
यह एटीएम में बेहद ही अहम रोल निभाता है क्योंकि जब आप ATM लगाते हैं तो एटीएम के पीछे मैग्नेटिक स्ट्रिप में मौजूद डेटा को यह पढ़ता है तथा verification के लिए इसे server पर भेजता हैं।
और इसके बाद PIN डालने तथा बाकी सारे ऑप्शन भी खुल जाते है जिससे आप पैसा निकाल पाते हैं।
2. Output Device
#Speaker
आजकल लगभग ज्यादातर एटीएम में स्पीकर लगे होते हैं जिससे आपके लेन देन की सूचना आपको मिलती रहती हैं।
#Screen
इसमें आपके खाता संबंधित सभी प्रकार के ऑप्शन होते हैं आपके नाम से लेकर पैसे निकालने तक सभी इसमें मौजूद होता हैं, जब आप ऑप्शन क्लिक करते हैं तो आपका पैसा आ जाता हैं।
#Cash dispenser
किसी भी एटीएम में यह डिवाइस सबसे महत्वपूर्ण होता हैं क्योंकि कैश इसी के द्वारा बाहर आता हैं।
#Receipt Printer
ATM मशीन के अंदर एक प्रिंटर भी लगा होता हैं जो आपके द्वारा किए गए transaction को प्रिंट करें का काम करता हैं।
ATM कैसे काम करता है?
एटीएम प्लास्टिक का होता है और उसके पीछे एक मैग्नेटिक स्ट्रिप होती हैं जिसमे आपके अकाउंट की सारी डिटेल मौजूद होती हैं।
भारत में इस वक्त 2 तरह के 2 मौजूद हैं जिसमे एटीएम स्वाइप करके बाहर निकलना होता है और दूसरे में एटीएम मशीन के अंदर पूरा transaction होने के बाद एटीएम बाहर आता हैं।
जब एटीएम को मशीन में लगाया जाता हैं तब एटीएम के पीछे मौजुद मैग्नेटिक स्ट्रिप से डेटा सर्वर पर भेजा जाता है और verification के बाद आपको स्क्रीन पर ऑप्शन दिखने लगते है।
आपने देखा होगा की जब आप एटीएम लगाते है तो 10-15 सेकंड इंतजार करना होता हैं क्योंकि वह सर्वर पर आपकी डिटेल को वेरिफाई कर पाएं, ATM Full Form In Hindi।
ATM से जुड़े FAQ
दुनिया का पहला ATM 27 जून 1967 में नॉर्थ इंग्लैंड के एनफील्ड में लगाया गया था, इसे लगाने का श्रेय Barclays Bank को जाता हैं।
भारत ने सबसे पहला एटीएम सन 1987 में लगाया गया था जिसे Hong Kong and Shanghai Banking Corporation Limited ने अपनी मुंबई की ब्रांच के लगाया था।
आज भारत के लगभग 2 लाख 7 हजार 813 ATM मशीन लगाई जा चुकी हैं।
एटीएम की शुरुवात 27 जून सन 1967 में लंदन के एंफिल्ड शहर से हुई थी।
एटीएम का श्रेय जॉन शेपर्ड को जाता है को की लंदन शहर में रहते थे इसलिए पहली एटीएम मशीन भी लंदन के एनफील्ड में ही लगाई गई थी।
Rupay Debit Card
Visa Debit Card
MasterCard Debit Card
Maestro Debit Card
एटीएम मशीनों के अलावा, डेबिट कार्ड का यूज स्टोर या रेस्टोरेंट में किया जा सकता है और इसका उपयोग ऑनलाइन पेमेंट के लिए भी किया जा सकता है।
एटीएम कार्ड की तरह, डेबिट कार्ड आपको अपने सेविंग अकाउंट से पैसे का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है। यह क्रेडिट कार्ड से अलग है क्योंकि कस्टमर को ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ता है।
निष्कर्ष
दोस्तों मुझे पूरी उम्मीद हैं आपको इस आर्टिकल ATM Full Form In Hindi | एटीएम का
फुल फॉर्म क्या है इससे आज जरूर बहुत कुछ सीखने को मिला होगा।
ATM ki jaankari लगभग सभी लोगों को जरूर होनी चाहिए, तथा आजकल लोगों को ATM
Full Form In Hindi यह तक पता नहीं होता।
इसलिए आपके आग्रह हैं की इस पोस्ट को अपने सभी दोस्तों तक जरूर भेजें ताकि उन्हें भी एटीएम
के बारे में जानकारी मिल पाएं।
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