लैपटॉप इतने महंगे क्यों होते है? लैपटॉप महेंगे होने का कारण क्या है ?

आज इस पोस्ट में आपको पता चलेगा की आखिर लैपटॉप इतने महंगे क्यों होते है? लैपटॉप हमेशा
एक नॉर्मल कंप्यूटर से महंगा होता है इसकी बहुत सारी वजह होती है और जिस तरह टेक्नोलॉजी
बदल रही है इसकी जानकारी होना काफी जरूरी हो जाता है।

हालंकि लैपटॉप और कंप्यूटर में एक ऐसा ही काम होता है तथा इनके सारे पार्ट्स भी लगभग बराबर ही होते है, लेकिन एक कंप्यूटर खरीदना हमेशा फायदे का सौदा होता है क्यूंकि आप इसमें काफी हैवी काम बहुत आसानी से कर सकते हो।

लैपटॉप में भी हैवी काम होते है लेकिन कहीं न कहीं इससे लैपटॉप हीट होने लगते है जो किसी को
पसंद नहीं आता, और इसके बैटरी कि दिक्कत हमेशा रहती है अगर आप बहुत ज्यादा हैवी काम
नहीं करते या फिर आपको कहीं जाना होता है तो आप लैपटॉप खरीद सकते है।

अगर आपको पुराना लैपटॉप खरीदना है तो आपको बहुत ध्यान से खरीदना होता है इसलिए आप मेरी इस पोस्ट को जरूर पढ़े।

पुराना लैपटॉप लेने से पहले यह बातें ध्यान रखे ?

लैपटॉप इतने महंगे क्यों होते है?

लैपटॉप महंगे होने कि सबसे बड़ी वजह यह है कि लैपटॉप के हार्डवेयर बनाने में ज्यादा खर्चा होता है क्यूंकि उन्हे एक छोटे से बॉक्स में ही सब कुछ अरेंज करना होता है तथा इसके के साथ उन्हे लैपटॉप के परफॉर्मेस तथा इसकी स्पीड पर भी ध्यान देना होता है।

इसके ही साथ लैपटॉप को ठंडा रखने कि बड़ी चुनौती होती है क्यूंकि उसमे जगह कम होती है
इसलिए उसमे कूलिंग फैन को इंस्टॉल करना और किस वक्त काम करेगा यह इंस्टॉल करना बड़ा मुश्किल का काम होता है।

इतना ही नहीं और भी कई सारी वजह है जिससे लैपटॉप महंगा हो जाता है। आइए उसके बाद में
बात करते है, हम एक एक करके सारे हार्डवेयर के बारे में बात करेंगे जिससे आपको सब कुछ क्लियर
हो जाएगा।

हार्डवेयर लैपटॉप को महंगा बनाते है ?

आज मैं आपको ऐसे 6 हार्डवेयर के बारे में बताने वाला हूं जो यह बताने मे बेहद मदद करेंगे की लैपटॉप इतने महंगे क्यों होते है?

1. मदरबोर्ड

कोई भी लैपटॉप को जितना अच्छा बनाना है उसमे उतने ही ज्यादा हार्डवेयर कंपोनेंट लगाने होते है
जिससे उसकी परफॉर्मेंस तथा स्पीड बढ़ जाए, और किसी भी कंप्यूटर/लैपटॉप का दिमाग मदरबोर्ड ही
होता है। लैपटॉप में स्पीड के साथ हार्डवेयर का साइज भी कम रखना पड़ता है।

छोटे मदरबोर्ड को बनाना और भी ज्यादा चुनौती भरा हो जाता है, इसके साथ बाकी के कंपोनेंट भी मदरबोर्ड के साथ जोड़ना होता है तथा इसका लेआउट भी ज्यादा खराब न दिखे इस पर भी ज्यादा काम करना पड़ता है।

इसमें लगे सर्किट को भी छोटा करके उसको सेट किया जाता इसलिए लैपटॉप का मदरबोर्ड थोड़ा महंगा हो जाता है।

2. सीपीयू

जैसे मोबाइल में भी सीपीयू होता है तभी फोन समझ पता है कि हम उससे क्या करवाना चाहते है
कुछ वैसा ही लैपटॉप में होता है। लैपटॉप में मोबाइल के जितना छोटा तो नहीं लेकिन लैपटॉप में
बहुत छोटा सीपीयू इस्तेमाल किया जाता है, जिससे उसके साइज पर भी ज्यादा असर न पड़े।

लैपटॉप में जगह बचाने के लिए सीपीयू को डायरेक्टली मदरबोर्ड में कनेक्ट कर दिया जाता है इसलिए इसमें पॉवर मैनेजमेंट पर बहुत ध्यान दिया जाता है। आप चाहे कितना ही महंगा लैपटॉप क्यों न खरीद लो बहुत हैवी काम करने पर लैपटॉप गर्म होने लगते है।

इसलिए लैपटॉप में कूलिंग फैन भी दिए जाते है हालंकि यह कंप्यूटर कि तरह इतने बड़े नहीं होते लेकिन इससे लैपटॉप का सही काम चल जाता है।

ग्राफिक्स प्रोसेसिंग

लैपटॉप में ग्राफिक्स कार्ड 2 तरह से काम करता है।

1. इंटेग्रेटेड ग्राफिक्स

ग्राफिक्स कार्ड लैपटॉप में पहले से ही आता है आप चाहे कोई भी कंप्यूटर या लैपटॉप खरीद लो उसमे
ग्राफिक्स कार्ड जरूर आता है क्यूंकि बिना ग्राफिक्स कार्ड के लैपटॉप/कंप्यूटर चालू तो हो जाएगा लेकिन कुछ दिखेगा नहीं।

और लैपटॉप में ग्राफिक्स कार्ड को सीपीयू में ही इंस्टॉल किया जाता है जिससे एक सेमीकंडक्टर दो
टास्क को कम जगह घेरे कर सके।

2. डेडीकेटेड ग्राफिक्स कार्ड

अगर आपका काम इंटीग्रेटेड ग्राफिक्स कार्ड से नहीं होता तब आप इसे अपने लैपटॉप में लगवाते है अब
क्यूंकि इसे लगाने के लिए एक्स्ट्रा सेमीकंडक्टर पैकेज लगाना होता है।

यह डेडीकेटेड ग्राफिक्स कार्ड पॉवर ज्यादा लेता है तथा यह हीट भी ज्यादा होता है इसलिए इसमें
कूलिंग फैन भी अच्छे लगाने पड़ते है। इसी वजह से कोई भी लैपटॉप/कंप्यूटर में सिर्फ इंटेग्रेटेड ग्राफिक्स कार्ड ही दिया जाता है।

रैम

किसी भी लैपटॉप/कंप्यूटर में रैम का होना बहुत जरूरी है वैसे तो विंडोज़ के लिए मिनिमम रैम कैपेसिटी सिर्फ 2जीबी है लेकिन अगर आपको सही से काम करना है तो कम से कम 4जीबी रैम तो लगती ही है।

लैपटॉप में सोडिम्म रैम का इस्तेमाल किया जाता है जबकि डेस्कटॉप में डीआईएमएम रैम का इस्तेमाल
किया जाता है यह इसलिए क्यूंकि
एसओडीआईएमएम रैम आकार में छोटी होती है लेकिन इसकी प्राइस पर कोई असर नहीं पड़ता।

हमारे मोबाइल फोन में भी एसओडीआईएमएम रैम का इस्तेमाल किया जाता है क्यूंकि फोन में स्पेस की
प्रॉब्लम होती है और कम जगह में भी अच्छी परफॉर्मेंस देनी पड़ती है।

कूलिंग सिस्टम

लैपटॉप में कूलिंग सिस्टम बहुत बड़ा रोल निभाता है क्यूंकि इसके साइज को काफी छोटा रखना पड़ता है और इसके ही साथ लैपटॉप में सही कूलिंग जाए इसका भी ध्यान देना पड़ता है।

यही नहीं इसको डिज़ाइन तथा हीट सिंक और फैन असेम्बली करने में बहुत ज्यादा खर्चा आता है इसलिए लैपटॉप इनकी वजह से काफी महंगे हो जाते है।

हार्ड ड्राइव

आज कल जो मॉडर्न लैपटॉप और लेटेस्ट लैपटॉप आते है उनमें एसएसडी को ही प्राइमरी हार्ड ड्राइव
माना जाता है,क्यूंकि यह लैपटॉप कि स्पीड और परफॉर्मेंस को कई गुना बढ़ा देते है इसी वजह से लैपटॉप महंगे हो जाते है।

लैपटॉप कि मेमोरी को साइज कंप्यूटर कि हार्ड ड्राइव से काफी छोटा होता है और लैपटॉप कि हार्ड ड्राइव कि स्पीड कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव से थोड़ी स्लो होती है। इसलिए अब इसमें एसएसडी देखने को मिलती है।

निष्कर्ष

दोस्तो मुझे उम्मीद है अब आपको समझ आ गया होगा की आखिर लैपटॉप इतने महंगे क्यों होते है? महंगे लैपटॉप होने के यह कुछ सबसे मुख्य कारण है अगर अब आपसे कोई पूछे से आप बेझिझक बता सकते है।

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