कंप्यूटर मॉनिटर पिछले कई से अच्छी प्रोगेस कर रहा है कहने का मतलब है कि इसमें अब बहुत
अच्छी क्वालिटी देखने को मिलती है। इसलिए आज आपको जानना चाहिए कि मॉनिटर क्या होता है? मॉनिटर कितने प्रकार के होते है?
बीते वक्त में कंप्यूटर तथा इसमें लगा मॉनिटर इतना खास नहीं हुआ करता था, क्यूंकि कंप्यूटर का साइज तथा बजन बहुत ज्यादा था और उस वक्त मॉनिटर की टेक्नोलॉजी पर इतना ध्यान नहीं दिया गया लेकिन जैसे जैसे इसमें आविष्कार होते गए इसमें बदलाव होता गया।
अब मार्केट में कई प्रकार के मॉनिटर आते है जैसा आपका बजट है उस हिसाब से आसानी से मिल
जाते है, इसलिए आज आपको जानना चाहिए कि मॉनिटर क्या होता है?
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मॉनिटर क्या होता है?
मॉनिटर आपकी टीवी कि तरह ही एक डिस्प्ले डिवाइस होता है जो ग्राफिक्स कार्ड से निकलने वाले ग्राफिकल आउटपुट को डिस्प्ले/स्क्रीन पर दिखाने का काम करता है।
माउस की मदद से तथा कीबोर्ड से आप कंप्यूटर में क्या कर रहे हो यह दिखाने कि अनुमति आपका
मॉनिटर करता है, इसलिए कंप्यूटर का सबसे जरूरी अंग ये मॉनिटर ही है।
मॉनिटर क्या होता है इसे और ज्यादा अच्छे से समझने के लिए अब समझते है मॉनिटर कितने प्रकार के होते
है?
मॉनिटर कितने प्रकार के होते है?
अगर आप अपने कंप्यूटर में ग्राफिक्स का काम कर रहे हो तो उसमे मॉनिटर की क्वालिटी बहुत ज्यादा मायने रखती है, आपको बता दें कि टीवी और कंप्यूटर स्क्रीन दोनों में एक जैसी ही टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता था जिसे सीआरटी (कैथोड रेय ट्यूब) कहते है।
लेकिन बाद में अलग अलग टेक्नोलॉजी आई तथा इसमें कई सारे परिवर्तन देखने को मिले।
1. सीआरटी मॉनिटर
सबसे पहली बात तो यह पिछे से काफी बड़े तथा अजीब दिखते है आपने पूरे कंप्यूटर देखें होंगे तो
उसमे इस्तेमाल किए जाते थे, तथा यह पॉवर बहुत ज्यादा लेते है साइज में बड़े होने के कारण इनको
स्पेस भी ज्यादा चाहिए होती थी।
यह मॉनिटर बहुत हैवी तथा आंखो के लिए बहुत खराब होते है इनमें आंखो को प्रोटेक्ट करने के लिए
कोई भी लयर नहीं होती है।
एलसीडी मॉनिटर
एलसीडी मॉनिटर आने के बाद इसने सीआरटी मॉनिटर की जगह ले ली, शुरुवात में इस टाइप के मॉनिटर में स्पीड काफी स्लो देखने को मिलती थी लेकिन बाद में इसे ठीक कर दिया गया।
यह मॉनिटर में पिछे से प्रकाश डाला जाता था ताकि मॉनिटर में सही इमेज बन सके, लेकिन बहुत सारे आविष्कार के बाद इसमें बदलाव हुए तथा इसको हमेशा हमेशा के लिए बदल दिया गया।
शुरुवाती कुछ समय में इसमें सीएफएल लैंप का इस्तेमाल किया जाता था इसको पॉवर देने के लिए लेकिन बाद में इसे एलईडी से चेंज कर दिया गया ।
एलईडी मॉनिटर
एलईडी का फूल फॉर्म “लाइट एमिटिंग डायोड” होता है, तथा इसे एलसीडी से निकलने वाली इमेज को एलिमिनेट करने के
लिए बनाया गया था।
हालंकि अब स्क्रीन निर्माता कंप्यूटर मॉनिटर तथा टीवी स्क्रीन में माइक्रो एलईडी पर ज्यादा फोकस
कर रहे है ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें स्क्रीन पर मौजुद पैक्सल जायदा क्लियर दिखते है तथा वीडियो और इमेज की क्वालिटी बहुत ज्यादा अच्छी
आती है।
क्यूएलईडी मॉनिटर
क्यूएलईडी और क्वांटम डॉट डिस्प्ले का इस्तेमाल बैकलाइट को शुद्ध कलर में बदलने के लिए किया
जाता है। इसका मतलब यह है कि इस मॉनिटर में आपको कलर बहुत ज्यादा अच्छे दिखते है।
इसमें सेमीकंडक्टर ननॉक्रस्टल्स को क्वांटम डॉट लेयर पर रखा जाता है जिससे आरजीबी कलर फिल्टर होते है तथा इससे लाइट रिड्यूस होती है और आपकी आंखों पर ज्यादा इफैक्ट भी नहीं पड़ता।
इसलिए क्यूएलईडी मॉनिटर में कलर बहुत अच्छे देखने को मिलते है और यह काफी महंगे भी इसी वजह से होते है।
निष्कर्ष
दोस्तों ये थे कुछ मॉनिटर के प्रकार मुझे उम्मीद है मॉनिटर क्या होता है? मॉनिटर कितने प्रकार के होते है? अब आपको समझ आ गया होगा। मैंने इस आर्टिकल में कोशिश की है की आपको बहुत आसान तरीके से समझा सकू,
अगर आपको किसी पैराग्राफ में कोई दिक्कत होती है तो हमसे कॉमेंट बॉक्स में सवाल पूछ सकते है हमे
उत्तर देने में खुशी होगी, तथा यह पोस्ट अपने फ्रेंड्स को भी शेयर जरुर करें और अंत तक पोस्ट पढ़ने
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